Propose Day:जब इंतज़ार का प्यार मुकम्मल हुआ”
प्रपोज़ डे का रहस्य ❤️🌹
दिल्ली की ठंडी शाम थी। हल्की-हल्की सर्द हवा बह रही थी, सड़क किनारे गुलाब बेचने वाले लड़के की आवाज़ गूंज रही थी—
“गुलाब ले लो भाई, आज प्रपोज़ डे है!”
लेकिन रिया की दुनिया जैसे थम गई थी। उसके हाथ में कॉफी थी, लेकिन उसका दिमाग उस अनजान नोट पर अटक गया था जो उसे आज सुबह मिला था—
“आज रात 8 बजे, राजीव चौक के ‘कैफ़े ब्लू’ में मिलो… तुम्हारे अतीत की एक अनकही सच्चाई तुम्हारा इंतज़ार कर रही है।”
उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था। ये कौन था? कोई मज़ाक कर रहा था या सच में कुछ ऐसा था जिसे वह नहीं जानती थी?
एक अनकही दास्तान
शाम के ठीक 8 बजे, रिया कैफ़े ब्लू के दरवाज़े पर खड़ी थी। अंदर हल्की रौशनी थी, धीमा रोमांटिक संगीत बज रहा था, और कोनों में बैठे कपल्स प्यार में डूबे हुए थे। लेकिन रिया का ध्यान सिर्फ एक इंसान पर था।
तभी उसकी नज़र कैफ़े के कोने में बैठे आदित्य पर पड़ी।
रिया के कदम ठिठक गए। आदित्य… उसका कॉलेज का सबसे अच्छा दोस्त।
लेकिन दोस्ती के बाद सब कुछ अजीब हो गया था। तीन साल पहले, बिना कोई वजह बताए, आदित्य अचानक गायब हो गया था। न कोई कॉल, न कोई मैसेज। और अब, इतने सालों बाद, वह उसके सामने बैठा था, एक हल्की मुस्कान के साथ।
रिया की आँखों में कई सवाल थे—गुस्सा, दुख और शिकायतें, सब कुछ एक साथ उमड़ पड़ा था।
वह तेज़ कदमों से उसकी टेबल तक पहुँची।
“क्या चल रहा है, आदित्य? अचानक तीन साल बाद? बिना कोई खबर, बिना कोई सफाई… और अब ये सब?”
उसकी आवाज़ काँप रही थी, लेकिन उसमें दर्द छुपा हुआ था।
आदित्य ने उसकी आँखों में देखा, फिर बिना कुछ कहे, अपनी जैकेट की जेब से एक पुरानी डायरी निकाली और उसकी तरफ बढ़ा।
रिया ने झिझकते हुए डायरी खोली। पहले कुछ पन्नों में उनके कॉलेज के दिनों की यादें थीं—कॉफी शॉप में घंटों बातें करना, लाइब्रेरी में साथ पढ़ाई करना, देर रात तक फोन पर गप्पें मारना।
लेकिन फिर एक पन्ने ने उसका दिल थाम लिया।
सच सामने आया
उस पन्ने पर आदित्य की लिखावट में लिखा था—
“रिया, मैं हमेशा से तुमसे प्यार करता था, लेकिन तुम्हारी ज़िंदगी में किसी भी तरह की उलझन नहीं चाहता था। जब तुम्हें तुम्हारी जॉब का ऑफर मिला था, तब मैं तुम्हें बताने ही वाला था कि मैं कैसा महसूस करता हूँ… लेकिन उसी दिन मुझे मेरे सपनों का पीछा करने के लिए जाना पड़ा।”
रिया की आँखें पन्ने पर अटक गईं।
आदित्य ने उसकी आँखों में देखा और धीरे से कहा—
“मुझे एक इंटरनेशनल स्कॉलरशिप मिली थी, लेकिन उसकी शर्त ये थी कि मुझे तीन साल के लिए विदेश में रहना होगा। मैं तुम्हें बताना चाहता था, लेकिन मैं नहीं चाहता था कि तुम्हारे फैसले पर इसका कोई असर पड़े। तुम्हें अपने करियर की नई शुरुआत करनी थी, और मुझे मेरे सपनों की तरफ जाना था।”
रिया की आँखें भर आईं।
“तुम मुझसे एक बार कह सकते थे, आदित्य…” उसकी आवाज़ धीमी पड़ गई।
आदित्य ने गहरी सांस ली और कहा,
“मुझे डर था कि अगर मैं जाता, तो तुम मुझे रोक लेतीं… और मैं कभी तुम्हारे सपनों के आड़े नहीं आना चाहता था।”
रिया उसे देखती रही, बिना कुछ कहे।
उसकी आँखों से आँसू गिरने लगे, लेकिन वो खुद भी नहीं जानती थी कि ये गुस्से के थे या खुशी के।
आदित्य ने उसकी तरफ एक लाल गुलाब बढ़ाया और हल्की मुस्कान के साथ पूछा—
“अब क्या मुझे तुम्हारे साथ एक नई शुरुआत करने का मौका मिलेगा?”
रिया ने कांपते हाथों से गुलाब लिया। उसकी आँखें अब भी नम थीं, लेकिन होठों पर हल्की मुस्कान थी।
उसने एक लंबी सांस ली और कहा—
“इतने सालों तक इंतज़ार करने वाले इंसान पर भरोसा किया जा सकता है… हाँ, आदित्य।”
कैफ़े में धीमा संगीत बज रहा था, और बाहर हल्की बारिश शुरू हो गई थी, जैसे आसमान भी उनकी नई शुरुआत को अपना आशीर्वाद दे रहा हो…
#The_End ❤️