5 आतंकवादी, 3 जगहें, 10 मिनट की गोलीबारी: पहलगाम हमले की दर्दनाक कहानी
पर्यटकों से भरी एक खूबसूरत दोपहर, घात लगाए बैठे 5 से 6 आतंकी, 3 टारगेट स्पॉट और सिर्फ 10 मिनट में चली गोलियों की बारिश… मंगलवार को कश्मीर के बैसरण घाटी में हुआ आतंकवादी हमला 26 मासूम लोगों की जान ले गया।
सुरक्षा एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार, ये आतंकी पास के जंगल से निकलकर सीधे उन जगहों पर पहुंचे जहाँ सबसे ज्यादा लोग इकट्ठा थे। उनके पास राइफल्स थीं और कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके पास बॉडी कैमरे भी थे, जिससे उन्होंने पूरी घटना रिकॉर्ड की।
पहली गोली दोपहर करीब 1:50 बजे चली। उस वक्त बच्चे ट्रैम्पोलिन पर खेल रहे थे और उनके माता-पिता भेलपुरी खाते हुए नजारे का आनंद ले रहे थे। किसी को अंदाजा तक नहीं था कि मौत इतनी करीब है।
बचने वालों ने बताया कि आतंकी पास आकर पहले लोगों से उनका धर्म पूछा, फिर उनसे एक इस्लामिक आयत सुनाने को कहा। जो न सुना पाए, उन्हें सिर में गोली मार दी गई। हमले के बाद आतंकी उसी जंगल में भाग गए जहाँ से आए थे। पुलिस को करीब 2:30 बजे जानकारी मिली, लेकिन उस दुर्गम रास्ते की वजह से मदद 3 बजे के बाद ही पहुंच सकी।
बैसरण तक कोई गाड़ी नहीं जाती। वहाँ तक या तो पैदल जाना होता है या फिर टट्टू की सवारी करनी पड़ती है। इस वजह से कई जख्मी लोगों की जान बचाई जा सकती थी, अगर मदद समय पर पहुंचती।
इस हमले में 25 पर्यटकों और एक कश्मीरी टट्टूवाले की जान गई। ये हमला उस वक्त हुआ जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वांस भारत दौरे पर थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो उस समय सऊदी अरब में थे, तुरंत भारत लौट आए और कहा, “इस जघन्य हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, जैसा कि पहले भी कई हमलों में देखा गया है।
देशभर में इस निर्मम हमले को लेकर जबरदस्त गुस्सा है। इसके बाद भारत सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं – सिंधु जल संधि को फिलहाल रोक दिया गया है, अटारी बॉर्डर पर चेक पोस्ट बंद कर दी गई है, और SAARC वीजा स्कीम के तहत पाकिस्तानी नागरिकों का भारत आना भी रोक दिया गया है। इसके अलावा, भारत में पाकिस्तानी हाई कमीशन के डिफेंस अडवाइज़र को देश छोड़ने का आदेश दिया गया है और अब उनके मिशन में केवल 30 लोग ही रहेंगे, जो पहले 55 थे।