“झारखंड बजट 2025: किसानों, श्रमिकों और युवाओं के लिए बड़ी सौगात, जानें सभी नई योजनाएँ”

झारखंड बजट 2025: किसानों और श्रमिकों के लिए बड़ी सौगात

झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपने बजट में किसानों, श्रमिकों और युवाओं के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं। इस बजट का मुख्य उद्देश्य राज्य में रोजगार बढ़ाना, कृषि को सशक्त बनाना, पलायन को रोकना और झारखंड के विकास को नई दिशा देना है।

कृषि और किसानों के लिए विशेष योजनाएँ

झारखंड मिलेट मिशन योजना

राज्य सरकार ने झारखंड मिलेट मिशन योजना के तहत 1 लाख किसानों को अनुदान देने की घोषणा की है। इसके लिए 4,587 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सरकार की योजना है कि किसानों को आधुनिक तकनीकों और संसाधनों से जोड़ा जाए, जिससे उनकी उत्पादकता में वृद्धि हो और राज्य में मोटे अनाज (मिलेट्स) की खेती को बढ़ावा मिले।

मत्स्य पालन को बढ़ावा

युवाओं को मत्स्य पालन के जरिए स्वरोजगार से जोड़ने की भी योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत 4.10 लाख मीट्रिक टन मछली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और राज्य की मछली उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी।

लैंप्स और पैक्स के लिए गोदाम निर्माण

लैंप्स (LAMPs) और पैक्स (PACS) के लिए 118 गोदामों के निर्माण का प्रस्ताव है। इसके लिए सरकार ने 259 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। यह कदम किसानों की फसल भंडारण क्षमता को बढ़ाने और खाद्यान्नों के नुकसान को कम करने में मदद करेगा।

राज्य उद्यान विकास योजना

किसानों की आय बढ़ाने और पलायन रोकने के लिए राज्य उद्यान विकास योजना के तहत:

  • सब्जी और फूलों की खेती को बढ़ावा
  • सैंपलिंग नर्सरी की स्थापना
  • मधुमक्खी पालन जैसी योजनाओं को प्रोत्साहन

इन योजनाओं के लिए 304 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है।

मुख्यमंत्री पशुधन योजना

इस योजना के तहत 79 हजार पशुपालकों को लाभ देने के लिए 255 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके तहत दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भी नीतियाँ बनाई जा रही हैं। सरकार का लक्ष्य 38 लाख 1 हजार मीट्रिक टन दूध उत्पादन करने का है।

कृषि यंत्र वितरण योजना

किसानों को मिनी ट्रैक्टर, पावर टीलर और पंप सेट उपलब्ध कराने के लिए 140 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है, जिससे 8,400 किसानों को लाभ मिलेगा। आधुनिक कृषि उपकरणों की उपलब्धता से किसानों की कार्यक्षमता में सुधार होगा।

बिरसा बीज उत्पादन योजना

राज्य सरकार ने बिरसा बीज उत्पादन और फसल विस्तार योजना के लिए 95 करोड़ रुपये का बजट रखा है। इस योजना से 3.83 लाख किसानों को अनुदान पर बीज उपलब्ध कराया जाएगा।

मिट्टी और जल संरक्षण

सरकार 1,200 तालाबों का जीर्णोद्धार और गहरीकरण करेगी, जिसके लिए 203 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है। यह योजना राज्य में जल संसाधनों के संरक्षण और कृषि क्षेत्र में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लागू की जाएगी।

राज्य में रोजगार बढ़ाने और पलायन रोकने के लिए प्रयास

पलायन रोकने के लिए राज्य में रोजगार के अवसर

झारखंड से बड़ी संख्या में श्रमिक दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और केरल में काम करने के लिए पलायन करते हैं। सरकार की योजना है कि श्रमिकों को राज्य में ही रोजगार मिले, जिससे पलायन को रोका जा सके। इसके तहत:

  • कृषि और लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • निर्माण और खनन क्षेत्र में नए अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
  • स्मार्ट सिटी और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में स्थानीय मजदूरों को प्राथमिकता दी जाएगी।

झारखंड सरकार इस समस्या को गंभीरता से ले रही है और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए कई योजनाएँ बना रही है।

झारखंड के श्रमिक किन राज्यों में काम करते हैं?

झारखंड के श्रमिक मुख्य रूप से दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और केरल में रोजगार की तलाश में जाते हैं। इनमें से दिल्ली, मुंबई, सूरत, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे बड़े शहरों में अधिक श्रमिक काम करते हैं।

राज्य से कुशल और अर्धकुशल मजदूरों की पलायन दर

झारखंड से 30-35% श्रमिक पलायन करते हैं, जिनमें अधिकतर असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं, जिससे उन्हें स्थिर रोजगार नहीं मिल पाता।

केंद्रीय परियोजनाओं में झारखंड के मजदूरों की भागीदारी

अनुमानित 3-5 लाख मजदूर रेलवे निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्ग, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, खनन, औद्योगिक इकाइयों और ऊर्जा उत्पादन क्षेत्रों में कार्यरत हैं।

केंद्र सरकार से 1.36 लाख करोड़ रुपये की मांग

झारखंड सरकार का 1.36 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार से बकाया है, जिसमें कोयले की रॉयल्टी, कॉमन कॉज जजमेंट के तहत देनदारियाँ और सरकारी भूमि अधिग्रहण से संबंधित राशि शामिल है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस राशि की मांग कई बार कर चुके हैं और अगर जरूरत पड़ी, तो कानूनी कदम उठाने पर भी विचार किया जाएगा।

बजट का उद्देश्य

इस बजट का मकसद राज्य में आर्थिक मजबूती लाना, योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करना और झारखंड के लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है।

इस बजट से न केवल किसानों और श्रमिकों को फायदा मिलेगा, बल्कि राज्य में नई औद्योगिक संभावनाओं को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार की यह पहल झारखंड को आत्मनिर्भर और विकसित राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

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